बहुत मिश्किल है
यह तय करना कि
हम कर रहे हैं
उन्नति या अवन्ती
दिन प्रति दिन
क्योंकि दोनों ही
महत्व पूर्ण हैं अपने आप में
महत्व पूर्ण ही नही
अर्थ हीन और अर्थवान भी हैं
क्योंकि जिस उन्नति ने
बाजारीकरण कर दिया है
हमारे रिश्तों का हमारे सम्बन्धों का
हमारी सम्वेदनाओं का
तो क्या वह उन्नति है या अवन्ती
प्रश्न तो यह है
इस का उत्तर
मैं तुम से पूछता हूँ
जरा सोच कर उत्तर देना
कि उन्नति अवन्ती है
या अवन्ती उन्नति ||
3 comments:
बहुत अच्छी अभिव्यक्ति ...
कुछ शब्दों की वर्तनी अशुद्ध दिख रही है ..शायद टाइपिंग की गल्ती रही होगी ...
अवन्ती या अवनति ? शुभकामनायें आपको !
बहुधा समतल पर टिके रहना भी कठिन हो जाता है।
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