Saturday, March 31, 2012

मित्रो शुभकामनाओ के साथ आओ भगवान श्री राम जी की सेना के योद्धा बने और राक्षसों के विनाश के सहभागी बने
१ कभी भी अपने धर्म की आलोचना न सुने
२ जो हमारे धर्म की बुराई करे उस का प्रतिकार करें
३ अपने पूर्वजों पर हमे गर्व होना ही चाहिए
४ केवल हिन्दू संस्कृति ही विश्व की सर्वोत्तम संस्कृति है
यह बात सदा धयान में रहनी चाहिए क्यों कि यह बात प्रमाणिक है
५ यह संस्कृति अन्य मतों की भांति किसी भी मत सम्प्रदाय या प्राणी से नफरत नही सिखाती
इस लिए ही अनुसरणीय है
तो आओ हम सब जहाँ हैं वहाँ इस का सम्मान करें
यही श्री राम नवमी की शुभकामनायें है
आप इन्हें स्वीकार करें
डॉ. वेद व्यथित
०९८६८८४२६८८

भगवान श्री राम जी के चरणों में श्रद्धा पूर्वक निवेदन है

भगवान श्री राम जी के चरणों में श्रद्धा पूर्वक निवेदन है

किस ने देखा राम हृदय की घनीभूत पीड़ा को
कह भी जो न सके किसी से उस गहरी पीड़ा को
क्या ये सब करुणा के बदले मिली राम के मन को
आदर्शों पर चल कर ही तो पाया इस पीड़ा को ||

मन करता राम तुम्हारे दुःख का अंश चुरा लूं
पहले ही क्या कम दुःख झेले कैसे तुम्हे पुकारूँ
फिर भी तुम करुणा निधन ही बने हुए हो अब भी
पर उस करुणा में कैसे मैं अपने कष्ट मिला दूं ||

राम तुम्हारा हृदय लौह धातु से अधिक कठिन है
पिघल सका न किसी अग्नि से कैसी मणि कठिन है
आई होगी बाढ़ हृदय में ढरके होंगे आंसू
शायद आँख रुकी न होगी बेशक हृदय कठिन है ||

किस से कहते राम व्यथा जो मन में उन के गहरी
आदर्शों की कैसे कैसे विमल पताका फहरी
इस से ही तो राम राम हैं राम नही कोई दूजा
बाद उन्होंने के धर्म आत्मा और नही कोई उतरी ||

माता सीता के श्री चरणों में

दो सांसों के लिए जिन्दगी क्या क्या झेल गई थी
पर्वत से टकरा सीने पर क्या क्या झेल गई थी
पर जब आंसूं गिरे धरा उन से बोझिल डोली
वरना सीता जैसी देवी क्या क्या झेल गई थी ||

Thursday, March 22, 2012

शुभकामनायें

सर्व शक्तिमान परम पिता की इच्छानुसार सृष्टि के निर्माण के शुभारम्भ की आप सब को सपरिवार अपनी हार्दिक शुभकामनायें प्रदान करता हूँ कृपया स्वीकार कर के अनुग्रहित करें इस अवसर पर मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ
नव वर्ष सुहाना हो
सब खुशियाँ खूब मिलें
खुशियों का खजाना हो |

चाहत हों सभी पूरी
अपनों से निकटता हो
मिट जाएँ सभी दूरी |

मौसम भी सुहाने हों
फूलों की गंध लिए
आंगन में भरे हों ||
यह अवसर बड़ी प्रसन्नता का है कि हम ईस्वर कृपा से विक्रमी नव सम्वत २०६९ के सुभारम्भ के साक्षी हैं
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से इस सम्वत का शुभारम्भ हो रहा है
यह वर्ष आप को अपार शान्ति सुख व समृद्धि और ईश्वर अनुकम्पा प्रदान करे |
कृपया स्वीकार करें
साभार
डॉ. वेद व्यथित
०९८६८८४२६८८
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Saturday, March 10, 2012

काजल की रेख

आकर्षण

काजल की रेख कहीं
अंदर तक पैठ गई
तमस की आकृतियाँ
अंतर की सुरत हुईं

मन को झकझोर दिया
गहरी सी सांसों ने ||

दूर कहाँ रह पाया
आकर्षण विद्युत सा
अंग अंग संग रहा
तमस बहु रंग हुआ

गहरे तक डूब गया
अपनी ही साँसों में ||

चाहा तो दूर रहूँ
शक्त नही मन था
कोमल थे तार बहुत
टूटन का डर था

सोचा संगीत बजे
उच्छल इन साँसों में ||

जो भी जिया था
उस क्षण का सच था
किस ने सोचा ये
आगे का सच क्या

फिर भी वो शेष रहा
जीवन की सांसों में ||

Tuesday, March 6, 2012

रंगोत्सव

नेता जी भी रंग गये नीले पीले रंग
चेहरा उनका हो गया होली में बहुरंग
होली में बहुरंग हुए ही घर जा पहुंचे
घरवालों ने पूछा आये किस से मिलने
पत्नी बोली वे तो जी बाहर गये हैं
मिलने आना कल आज वे घर में नही हैं ||

ननुआ ने तो भंग चढाई धोती फाडी ललुआ ने
कर रुमाल धुतिया के भैया ताल लगाई कलुआ ने
दिल्ली चौंकी सब जग चौंका खूब सुनाई दिगिया ने
बड़ी में के गिर चरणों में धोक लगाई मनुआ ने ||

चीनी मिल रही पांच रुपैया कडुवा तेल मुफ्त में हैं
डाल मिल रही दो दो रूपियारोटी संग मुफ्त में है
कैसा सुंदर राज है भैया होली खूब मनाओ जी
हाथों को मलते रह जाओ लाली खूब मुफ्त में है ||

गोरी ने s m s भेजा आओ रंग बरसायें
बिन पानी के नीले पीले सारे रंग बरसायें
बिन पानी के भाभी देवर होली खूब मनाएं
अब तो s m s की होली फोन में खूब मनाएं ||

भाभी ने देवर को भेजा s m s का गुलाब
देवर ने भाभी पर डाला फोन में खूब गुलाल
होली के सब रंग बिखर गये हुई न शर्ट खराब
न देवर ने कोड़े खाए गाल न हुए गुलाल ||

मिस काल कर रहे हैं संदेश भेजते हैं
इ मेल से ही प्यारा सा खत भेजते हैं
अब यंत्र ही हैं साधन इस पर ही प्यार निर्भर
इस यंत्र से ही अपना वो प्यार भेजते हैं ||

डॉ. वेद व्यथित
०९८६८८४२६८८