दिल्ली ब्लोगर मीत के निहितार्थ
भाई अवनाश जी सहृदयता न शेष सभी बन्धुओं का प्यार एक अद्भुत अनुभव रहा भाई एम् वर्मा जी व सुलभ जायसवाल पहलीबार मिलने पर भी लगा किवर्षों कि प्रगाढ़ता से हम मिल रहे हैं
सब से बड़ी बात तो यह रही कि कहीं कोई मत भेद मत भेद के लिए नही था
यही इस कि विशेष उपलब्धी रही अभी भी सभी का स्मरण बना हुआ है और बना ही रहेगा
अगले आयोजन कीप्रतीक्षा रहेगी
सभी में यह सहृदयता बनी रहे
इन मिल्न का एक बड़ा उद्देश्य यह भी था और है
डॉ. वेद व्यथित
4 comments:
सभी में यह सहृदयता बनी रहे
इन मिलन् का एक बड़ा उद्देश्य यह भी था और है
जी हाँ सबसे बड़ा उद्देश्य यही था और हम इसमें सफल हैं.
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
बहुत ही उम्दा विचार सद्भावना के बिना तो जग सूना लगता है तो ब्लॉग क्या लगेगा / आपसे मिलना भी एक सुखद अनुभूति रही आशा है हमलोग जल्द ही फिर मिलेंगे किसी ठोस मुद्दे को जमीनी स्तर पर जनहित और इंसानियत के उत्थान के लिए लागू करने /
सुन्दर प्रकटीकरण
आपका इन्तजार है अपने बलाग पर जी टिपणी के साथ जी
बस ऐसे ही बना रहे!! शुभकामनाएँ.
Post a Comment