महा अभियोग
उस पर निरापराध होने का
अभियोग लगा
पुलिस ने तफ्शीश शुरू की
बहुत साक्ष्य जुटाए गये
उस का टूटा मकान
व न कोई वाहन न अवैध हथियार
न कोई कीमती सामान
जमानत के लायक भी
भी नही थे कागजात
और उस ने कर लिया था
जुर्म का इक़बाल
अब मुकद्दमा शुरू हुआ
तारीख पर तारीख
शुरू हुई
गवाह पेश हुए
सभी ने उस के
निरापराध होने की गवाही दी
एक दो गवाहों ने
मुकरने की कोशिश भी की
परन्तु बात नही बनी
आखिर उस पर अभियोग सिद्ध हुआ
निर्णय स्थगित भी नही हुआ
तुरंत सुना दिया गया
सच्चाई की लड़ाई के लिए
उसे काले पानी की सजा हुई
लोगों ने फब्तियां कसीं
-बड़ा बन रहा था
ईमानदार की दुम
ले लिया फल
अब पता चल जायेगा
जब जेल में जिन्दगी बिताएगा
ईमानदारी का पूरा फल पायेगा ।।
1 comment:
खूबसूरत ब्लॉग ... सुंदर विचार ..... सार्थक रचना !
सादर वेदिका
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