अमर बलिदानी मोहन चंद शर्मा के बलिदान दिवस पर नम आँखों से श्रद्धांजली
मोहन चंद गये ही क्यों थे आतंकी से लड़ने को
भारत माता के चरणों में जीवन अर्पण करने को
ऐसे ऐसे प्रश्नों की यदि छूट मिलेगी शासन से
कौन चलेगा यहाँ देश हित जीवन अर्पण करने को ||
मेरी नही चिता पर मेले यहाँ कहीं लग पाएंगे
गोली सीने पर खाई है फिर भी जाँच बिठाएंगे
बेशर्मी की हद हो गई आतंकी सम्मानित हैं
अगर देश पर मर जाओगे तो भी प्रश्न उठाएंगे ||
बहुत २ सारे वादे तो किये चिता पर जायेंगे
पर जैसे ही चिता बुझेगी दिए भुला वे जायेंगे
फिर उन के पीछे पीछे फिरने में जूती टूटेगी
अमर शहीदों के घर वाले दर दर ठोकर खायेंगे ||
दर. वेद व्यथित
०९८६८८४२६८८
2 comments:
वतन पर जो फिदा होगा....
सुन्दर प्रस्तुति....
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