Thursday, March 24, 2011

अपनी औकात

नही जरूरत रिश्वत है खोरी की जाँच करने की
वो तो बात पुरानी है सत्ता उस से कब्जाने की
नया घोटाले ही क्या कम हैं इन पर हल्ला कम है क्या
तुम को छूट मिली है कितनी इन पर शोर मचाने की ||

चोरों को संरक्षण दे कर भी सत वादी बने हुए
सौ २ चूहे खा कर के भी हज जाने पर अड़े हुए
घोटाले और गडबड का अपना इतिहास पुराना है
फिर भी हम सौगंध उठाने की जिद पर है अड़े हुए ||

हम तो कठपुतली हैं भइया खूब नचाये नाचेंगे
है नकेल जिस के हाथों में चरण उसी के चापेंगे
पद की शोभा ही क्या कम है जिस पर शोभित हैं भइया
हम तो मैया के कूकर हैं पूंछ हिला कर नाचेंगे ||

3 comments:

Satish Saxena said...

बहुत खूब ....
शुभकामनायें !!

vandana gupta said...

सभी अपनी औकात दिखा ही देते हैं………बहुत सुन्दर चित्रण्।

Patali-The-Village said...

बहुत सुन्दर चित्रण्। धन्यवाद|