परमेश्वर कि अनुकपमा और मित्रों कि शुभकामनाओं के कारण मेरे काव्य संकलन " अंतर्मन " का सिक्किम में नेपाली भाषा में अनुवाद हुआ है। इस का अनुवाद मेरे मित्र , नेपाली भाषा के सुकवि श्री अमर बानियाँ " लोहरो " ने किया है तथा डोगरी भाषा के प्रख्यात साहित्यकार डॉ सुवास दीपक जी ने इस पुस्तक की भूमिका लिख कर उपकार किया है तथा आवरण पृष्ठ को संजोने और संवारने में प्रसिद्ध चित्रकार दीपा राई जी ने अपना अमूल्य सहयोग दिया है।
मैं बंधु अमर बानियाँ जी ,डॉ सुवास दीपक जी व दीपा जी के प्रति अपनी कृत्यज्ञता ज्ञापित करता हूँ और यह प्रसन्नता आप के साथ बांटने का सौभाग्य प्राप्त कर रहा हूँ। इसे आप का स्नेह मिलेगा ही।
डॉ वेद व्यथित
09868842688
2 comments:
ढेरों शुभकामनायें।
aabhar bndhu
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