Wednesday, April 20, 2011

बड़ी विजय

जिन्दगी की
जिस महत्व पूर्ण लड़ाई को
आज जीत लिया है तुम ने
क्या उसे ही कल
हार नही जाओगे
शत प्रतिशत इसी तरह
इसी युद्ध स्थल पर
इन्ही हथियारों से
तब हार करकैसा अनुभव करोगे
क्या आज की विजयी मुद्रा जैसा
नही ,
परन्तु उस का अनुभव तो तभी होगा
जब हार कर
भावी पीढ़ी के समक्ष
निरुतर निरादेश या
मौन खड़े होंगे
परन्तु तब भी बच सकते हो
तुम अपनी हार से
विजयी पीढ़ी को अपना
आशीष दे कर
तब विजयी हो जाओगे तुम
यह ही विजयी बनाएगा तुम्हे
तुम्हारी हार के बाद ||

3 comments:

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

गहन अभिव्यक्ति ...जब ज़िंदगी ही हार जायेंगे तो ज़िंदगी की लड़ाई भी ..

Satish Saxena said...

बहुत खूब कहा आपने ....शुभकामनायें आपको !

प्रवीण पाण्डेय said...

हार में ही जीत के बीज हैं।