Friday, November 9, 2012


 ॐ

तमसो माँ ज्योतिर्गमय 
भारतीय संस्कृति की उद्घोषणा तम  से प्रकाश की और बढ़ें  ,के साथ
आओ मिल कर प्रकाश पर्व मनाएं 
इस शुभ अवसर पर
आप को सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें प्रदान 
करता हूँ 
कृपया स्वीकार करें 

मन दीप सजाया है 
दीवाली आई है 
खुशियों का उजाला है ।

दीपों का उत्सव है 
तुम्हें खुशियाँ  खूब मिलें 
मेरा ऐसा मन है ।

मन दीपक हो जाये 
अंधियारे दूर रहें 
उजियारा हो जाये ।

मन दीपक हो जाये 
खुशियों से भरे झोली 
सब खुशियाँ मिल जाएँ ।
निवेदक 
डॉ वेद व्यथित 
अनुकम्पा - 1577 सेक्टर 3 
फरीदाबाद 
09868842688