माननीय प्रधान मंत्री जी कीप्रेस कम्फ्रेंस में म
हमारे जागरूक प्त्र्कोरों ने देश के व्यवस्था के विषय में बहुत से प्रश्न किये पनतु बड़े खेद का विषय है इन सब प्रश्नों के उपर भरी रहा एक ही प्रश्न की kya राहुल गाँधी प्रधान मंत्री बनेगे
इस एक ही प्रश्न ने सारी प्रेस कांफ्रेंस को दबा दिया यानि हाई जेक कर लिया
मेरा उन बन्धुओं से प्रश्न है की क्या देश के मंहगाई बेरोजगारी गरीबी भ्रष्टाचार जिस की अब चर्चा नही होती ऐसे अन्य कितने ही महत्व पूर्ण मुद्दे हैं देश की आन्तरिक व बहिय सुरक्षा जो भयावह बनी हुई है क्या इन सबी से उपर यही एक मुद्दा भरी है
और इस सब से ज्यदा बड़ी बात तो यह है की मिडिया ने भी बाक़ी मुद्दे छोड़ कर केवल राहुल कथा का ही बखान शुरू कर दिया
क्या यही इस देश का मिडिया है जिसे न तो गरीबी दिखाई देती है व बेरोजगारी और न ही देश की सुरक्षा ही दिख रही है
क्या मिडिया लोक तन्त्र की अर्थी को स्मशान तक ले जा कर ही डीएम लेने की कसम खाए हुए है की देश में लोक तन्त्र तो कोई चीज है ही नही न तो देश की जनता ही कुछ है नही देश में वोटर नाम की चीज है आखिर उन तथाकथित मिडिया वालो को कब श्रम आएगी जो गैर जिमेदाराना प्रश्न पूछ कर देश को गुमराह कर रहे हैं
परन्तु इनाम का लालच हमेशा से प्रभावी रहा है
अब भी है आगे भी रहेगा
धन्य हैं ऐसे महान लोग जो जनता को गम रह कर के अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं
डॉ. वेद व्यथित
9 comments:
वेद जी क्या पूछना और नहीं पूछना जैसे मिडिया वाले हैं वैसे ही हमारे प्रधान मंत्री जी / अगर कोई सार्थक प्रश्न पूछता भी तो जवाब तो नकारात्मक और जनभावना के खिलाप ही मिलता / इसलिए मिडिया वालों ने ऐसा पूछ दिया की सभी चुप हो जायें / दुखदायी है ऐसी स्थिति / विचारणीय पोस्ट /
गुलाम प्रधान्मन्त्री व मिडीया से और क्या उमीद कर सकते हैं
very good
जनता को गुमराह करके ही सत्ता का खेल चलता है.... जैसे भी हो आवाज तो उठाना ही है.
सही बात है। आपने आवाज उठाई है साधुवाद।
आपकी हिंदी और अंग्रेज़ी देख कर मन करता है कि आत्महत्या कर लूं.... नाम के आगे से डॉ. हटा लीजिये.... अच्छे खासे लेख की रेड पीट दी.....
मैं PHD हूँ फिर भी डॉ. नहीं लिखता हूँ.....
kis ne rok rkha hai
dr. ved vyathit
bhaai jaan preshaan naa hon kisi bhi buraai ko kisi dhrm yaa smaaj se alg ht kr hm raashtrvaad ki soch se sochenge to insaa allah bhgvaan ki mrzi se hm us buraai ko khtm krne men kaamyaab ho jaayenge. akhtar khan akela kota rajasthan
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